ष् ट्रीय स् मारक प्राधिकरण ने नई दिल् ली में महान योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुरत लाल किले का शहीदी दिवस मनाया। महान सिख शासक का शहादत दिवस आज भारतीय कैलेंडर द्वारा मनाया जाता है।
लाल किला लॉन में आयोजित कार्यक्रम में संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी के साथ एनएमए के अध्यक्ष श्री तरुण विजय और बाबा बंदा सिंह बहादुर की दसवीं पीढ़ी के वंशज बाबा जतिंदर पाल सिंह सोढ़ी ने भाग लिया।
इस अवसर पर श्रीमती मीनाकाशी लेखी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने अपने जीवन का बलिदान देकर अपने धर्म के सम्मान का बचाव किया और उनके साहस को नहीं भूलना चाहिए। केन् द्रीय मंत्री ने बंदा बहादुर शहीदी स् थान को राष् ट्रीय स् मारक घोषित करने के लिए हरसंभव समर्थन का आश् वासन दिया।
श्रीमती मीनाकाशी लेखी ने कहा कि पंजाब के युवाओं को बाबाबंदा सिंह बहादुर जी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में ढाढीजाथा का प्रदर्शन किया गया और बाबा बंदा सिंह बहादुर की कहानी को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी प्रदर्शित की गई।
बाबा बंदा सिंह बहादुर एक महान सिख योद्धा और खालसा सेना के कमांडर थे जिन्होंने मुगलों को हराया और उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से को दमनकारी मुगल शासन से मुक्त कर दिया और पंजाब में खालसा शासन की स्थापना की। बांदा सिंह बहादुर ने जमींदारी प्रथा को समाप्त कर जमीन की जुताई करने वालों को संपत्ति का अधिकार प्रदान किया। वह एक महान शासक था जिसने नानक शाही सिक्कों को पेश किया था। उन्हें मुगल शासक फारुखसियार ने पकड़ लिया था और उनकी शहादत महरौली में हुई थी जहां उनकी याद में एक स्मारक खड़ा है।
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